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दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दृष्टिहीन छात्रों के आधिकारों के प्रति उदासीनता।

बीते शुक्रवार दिनांक 27.04.2018 को दिल्ली विश्वविद्यालय के दृष्टिहीन छात्रों ने अपनी लंबित मांगों को
लेकर धरना प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के ढुलमुल रवैये व एक अरसे से उनकी मांगो को अनदेखा
करने के विरुद्ध उन्होंने अपना स्पष्ट विरोध जताया। प्रातः आठ बजे उन्होंने विश्वविद्यालय स्थित आर्ट्स
फैकल्टी में E.O.C की तालाबंदी की और शाम तक तपती धूप में अपने संघर्ष को ज़ारी रखा। विरोध
प्रदर्शन के क्रम में जब छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहें थें तथा
E.O.C की निष्क्रियता व भ्रष्टाचार को पुष्ट कर रहें वहां के संयोजको विपिन तिवारी व अनिल अनेजा को
हटाने की मांग कर रहें थे और साथ ही
E.O.C भवन को बंद करने का प्रयास कर रहें थें तभी विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने आंदोलनकारी
छात्रों के साथ अमानवतापूर्ण व्यवहार किया और साथ हीं आंदोलन कर रहीं छात्राओं के साथ बदसलूकी
भी की। इन सब के बावजूद भी प्रशासन ने कोई उचित कार्यवाही नहीं की तब छात्रों ने अपनी आवाज़ को
उन तक पहुंचाने का एक नया तरीका अपनाया और उन्होंने फैकल्टी से पटेल चेस्ट जाने वाले मार्ग पर
प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। दोपहर तीन बजे से लेकर नौ बजे रात तक वके उसी सड़क पर अपनी माँग
को लेकर टिके रहें, उन्होंने सिग्लन ब्लॉक करने का भी प्रयत्न किया जिसके फलस्वरूप उन्हें पुलिस से भी
जूझना पड़ा।
इन सब के बाद भी विश्वविधालय प्रशासन ने ना तो छात्रों से मिलने का प्रयास किया और ना ही इस
मसले पर संज्ञान लेना आवश्यक समझा। किंतु छात्र लगातार उच्चाधिकारियों व प्रशासनिक
अधिकारियों से बात करने की माँग करते रहें।
प्रदर्शनकारी छात्रों की कुछ प्रमुख माँगें इस प्रकार है-
1) Equal Opportunity Cell (E.O.C) में लंबे अरसे से चल रहे कथित तौर पर भ्रष्टाचार जिसमें
वेलफ़ेयर के लिए आई गई राशि का दुरुपयोग किए जाने के मामले में संलिप्त अधिकारियों के
खिलाफ़ उचित न्यायिक कार्यवाही
2) E.O.C में रीडर/राइटर की कमी की पूर्ति एवं उनकी फीस में उचित बढ़ोतरी
3) विकलांग छात्रों के लिए उचित छात्रावास की व्यवस्था
4) विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए उचित असेस्टिव उपकरणों व बुक-स्कैनिंग उपकरण को सुचारू
रूप से उपलब्ध कराना
5) विश्वविद्यालय प्राँगण में फुटपाथ की मरम्मत व स्पर्शनीय पथ की मरम्मत करवाना.,इत्यादि।

यह ग़ौरतलब है कि, इस मामले को लेकर छात्रों ने इससे पहले भी कई प्रदर्शन किए पर प्रशासन ने उनकी
एक ना सुनी। हालांकि दिनांक 4.04.2018 को जब इसी तरह का एक प्रदर्शन किया जा रहा था तब
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता हेतु आमंत्रित किया जिसमें उन्होंने
छात्रों की माँग को पन्द्रह दिनों में पूरा करने का आश्वासन भी दिया।
लेकिन जब समयावधि गुजर जाने के बाद भी उस विषय में प्रशासन द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं कि
गई तो इससे आहत होकर छात्रों ने आर्ट्स फैकल्टी का घेराव तथा रोडजाम करने का निर्णय लिया,
जिससे प्रशासन उनकी बात सुन सके।
लेकिन उनके इस संघर्ष के बावजूद भी प्रशासन ने कोई सकारात्मक कदम नही उठाया।
अपनी मांगों को लेकर अड़े छात्रों का हौसला बुलन्द करने के लिए राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव श्री
एस०के०रूंगटा पहुंचे एवं उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस मसले पर उनकी बात
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, माननीय थावरचंद गहलोत जी से हुई है।
उन्होंने छात्रों की इस दुर्दशा पर चिंता भी जताई और ये आश्वासन दिया कि इस संबंध में विश्वविद्यालय
और उच्चाधिकारियों को तलब किया जाएगा और यदि सोमवार 30.04.2018 की शाम तक,
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नही की जाती तब मंगलवार को विश्वविद्यालय
व शास्त्री भवन स्थित एम०एच०आर०डी पर एक बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
आपको बता दें कि अभी तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा ना तो छात्रों की माँगो को पूरा करने के लिए
कोई सकरात्मक फल की गई है ना ही इस संदर्भ में कोई टिप्पणी की गई है।

 

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